Gupt Navratra : घर बैठे कर लो ज्वाला मायी का दर्शन, 51 शक्तिपीठों में से है एक

चिंतपूर्णी, नैना देवी, शाकम्भरी शक्तिपीठ, विंध्यवासिनी शक्तिपीठ और वैष्णो देवी की तरह ही इस स्थान को भी सिद्ध माना जाता है.

कांगड़ा घाटी के शिवालिक पर्वतमाला की गोद में है स्थित

कहा जाता है माँ सती की जीभ उसी स्थान पर गिरी थी.

जहां आज ज्वाला देवी मंदिर स्थित है।

सती की जीभ का प्रतिनिधित्व पवित्र ज्वाला कर रही है.

जो हमेशा जलती रहती है।

ज्वाला माई का दर्शन नौ ज्योति रूपों मे होते हैं.

जो क्रमशः महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, हिंगलाज भवानी, विंध्यवासिनी,अन्नपूर्णा, चण्डी देवी, अंजना देवी और अम्बिका देवी हैं।

इतना ही नहीं अष्टादश महाशक्तिपीठ स्तोत्र में ज्वाला देवी को ही वैष्णवी बोला गया है।