Adani Power की कम नहीं हो रही मुसीबतें, 12 जुलाई को जनसुनवाई में ग्रामीण करने जा रहे बगावत!
पुसौर। छत्तीसगढ़ में Adani Power लिमिटेड की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक प्रोजेक्ट विवादों से घिरते जा रहे हैं। तिल्दा के बाद अब पुसौर स्थित प्रोजेक्ट विवादों के घेरे में घिरता जा रहा है। खबर आ रही Adani Power Limited तिल्दा के साथ-साथ यहां भी क्षमता विस्तार करने जा रही है। जिसको लेकर 12 जुलाई को जनसुनवाई बुलवाई गई है। जिसके विरोध के स्वर ग्रामीणों में अभी से दिखाई देने लगे हैं।
आपको बता दें कि पुसौर विकासखण्ड के बड़े भंडार, छोटे भंडार, बरपाली, सरवानी, सूपा, कोतमरा, तपरदा, कठली सहित कई गांवों के गलियों और चौक-चौराहों पर बैठे ग्रामीणों के बीच सबके जुबान पर अडानी पॉवर की जनसुनवाई में विरोध और समर्थन को लेकर गरमारम बहस छिड़ी हुई है।
बता दें कि रायगढ़ अब उद्योगों का गढ़ बन चूका है और उद्योगों की बहुलता से यहां का वातावरण भयंकर प्रदुषित हो चुका है। प्रदूषण इतना अधिक बढ़ गया है कि लोगों को शुद्ध प्राणवायु नहीं मिल पा रही है। लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी है। और दमा, चर्म रोग, आंखों में जलन, सिलकोसिस जैसी गंभीर बीमारी होते जा रही है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यहां और उद्योगों की नवीन स्थापना या विस्तार न करने की सिफारिश की है। ऐसे में उद्योगों का विस्तार कर प्रदूषण को और बढ़ावा देना अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मारने जैसा है।
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ग्रामीण Adani Power लिमिटेड के विस्तार को लेकर बौखलाये हुये हैं। जो 12 जुलाई होने वाले जनसुनवाई में दिखाई दे सकती है। वहीं खबर आ रही है अडानी पावर लिमिटेड की अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभा रहा है। सीएसआर के ग्रामीणों को दी जाने वाली सुविधाएं बिल्कुल भी नहीं दी जा रही है। क्षेत्र पूरी तरह धूृल और धुंआ से ढ़कता जा रहा है। पर्यावरण प्रदूषण का स्तर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। वहीं इस बीच कंपनी प्रबंधन पूर्ण समर्थन हासिल करने स्थानीय लोगों व जन-प्रतिनिधियों के बीच लगातार सम्पर्क कर हर वो पैंतरा आजमाने से नहीं चूक रही है जिसे साम, दाम, दण्ड-भेद की नीति कहते हैं।