CRIME NEWS : कलेक्टर से भी बड़े हो गए आरआई और पटवारी, पैसा लेकर बदल रहे जमीन का मालिकाना हक…

रायपुर। CRIME NEWS : छत्तीसगढ़ का आरआई -पटवारी अपने आप को कलेक्टर से भी बड़ा अधिकारी मानकर मनमानी से हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। कमाई के चक्कर में उसे निलंबन और बर्खास्तगी का भी डर नहीं रहता है। पैसे के लालच में किसी की भी जमीन किसी के भी नाम कर सकता है। बस उसे तो मनमाफिक पैसा मिलना चाहिए उसका बस चले तो वो कलेक्टोरेट की जमीन को भी किसी के नामे कर सकता है। आरआई-पटवारी के खिलाफ शिकायत करने ग्राम हरदी के सैकड़ों ग्रामीणों ट्रैक्टर में कलेक्टोरेट पहुंचे और आरआई-पटवारी के कारमाने को उजागर किया। मामला ग्राम हरदी का है जिसमें पटवारी ने लिनेश्वर के 60 सालों से उनके दादा का काबिज खेती का जमीन को सीमांकन में किसी दूसरे के खाते में मर्ज कर दिया और लिनेश्वर को बेदखल कर दिया। ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए तत्काल पटवारी और आरआई को निलंबित करने की मांग की।
किसानों ने कहा कि पटवारी उनके पैतृक खेती की काबिज जमीन से उन्हें बेदखल कर पैसे के लालच में किसी दूसरे खाते में मर्ज कर मालामाल हो रहा है। और किसानों को धमकी देता है कि जिससे शिकायत करना है कर लो, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ग्रामीणों ने कहा कि यह पहला मामला नहीं है, आरआई पटवारी ने ऐसे सैकड़ों जमीन के टुकड़ों को किसी अन्य के खाते में मर्ज कर करोड़ों की संपत्ति जमा कर ली है। जिसकी जांच भी होनी चाहिए ।
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CRIME NEWS : कलेकटर के पास सबसे ज्यादा शिकायत पटवारी और आरआई के खिलाफ होती है उसके बाद भी मामला आया गया हो जाता है। कार्रवाई नहीं होने से गांव में आरआई और पटवारी जागीरदार बनकर किसी की भी जमीन को हड़प रहे है। यह गंभीर मामला है इसे नहीं रोका गया तो ये आरआई और पटवारी किसी दिन पूरा गांव को बेच देंगे।
पटवारी राजस्व भूमि से जुड़े कोई भी मामला हो अपनी डेढ़ अकल जरूर लगाते हैं, जिसकी कलेक्टोरेट में सबसे ज्यादा शिकायत होने के बाद भी उस पर कार्रवाई नहीं होना इस बात को उजागर करता है कि इसके पीछे किसी बड़े अधिकारी का हाथ है जिसके संरक्षण में पटवारी और आरआई नंगा नाच कर रहे हैं। कार्रवाई नहीं होने के कारण आरआई-पटवारियों को हौसले बुलंद हैं। पटवारी जो करे सो कम है। क्षेत्रीय विधायक और ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि किसान लिनेश्वर के साथ न्यायसंगत फैसला नहीं हुआ तो कलेक्टोरेट का घेराव करेंगे और लगातार आरआई और पटवारी के खिलाफ खैरागढ़ कलेक्टोरेट परिसर के सामने धरना देंगे। कलेक्टर ने हरदी के ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से सुनने के बाद आचार संहिता के खत्म होने के बाद पहली समय-सीमा की बैठक में इस मामले पर न्याय संगत फैसला लेने का आश्वासन दिया है।
शासकीय अभिलेख में छेडखानी
CRIME NEWS : ग्राम हरदी में एक सौदा आज से 50 साल पहले हुआ था, जिसमें विक्रेता पन्नालाल पिता घेवरचंद ओसवाल, (निवासी तहसील खैरागढ़, जिला दुर्ग) क्रेता परसराम पिता धिरवा लोधी निवासी ग्राम हरदी, तहसील खैरागढ़ जिला दुर्ग) भूमि ख.न. 145 का टुकड़ा 1.00 एकड़ भूमि खरीदा गया था, मौके पर जमीन दो जगह है, जिसमें से एक 5.6 डिमी व दूसरी जगह 44 डिमी है, जमीन के दोनों टुकड़ों पर 17/06//1961 से (55-56 सालों से) क्रेता लिनेश्वर वर्मा का कब्जा है। क्रेता वहां पर खेतीबाड़ी करते आ रहा है। लेकिन रि-नंबरिंग वर्तमान 214/29 रकबा 0.405 है। आवेदक के द्वारा उक्त भूमि क्रय करने के पश्चात जमीन मौके पर दो जगहों में काबिज है। लेकिन नक्शे में कम दिखा रहा है। दूसरे जगह की जमीन पर मैं ही काबिज हूं उसका नजरी नक्शा पटवारी ने बनाकर नहीं दिया है। मौके में काबिज भूमि नक्शे में ऋुटिपूर्ण होने से नहीं दिख रहा है, यानी साजिशान विलोपित कर दिया गया है। पटवारी ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर पूर्व सीमांकन में राजस्व विभाग के अभिलेख से छेड़खानी करते हुए राज्यद्रोह जैसे कारनामे को अंजाम दिया है। शासकीय कार्य को बाधित करने का दुस्साहस किया है।
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आरआई पटवारी ने षड्यंत्र पूर्वक उक्त जमीन को हरिप्रसाद पिता सखाराम वर्मा के नाम पर 224/3 मर्ज कर दिया है। जो पूरी तरह से दोष पूर्ण और राज्य शासन के अभिलेख में हस्तक्षेप का केस बनता है। जो भू्मि स्वामी के साथ अन्याय है। तहसीलदार व्दारा 31/6/5/2024 में जारी कराकर लिनेश्वर पिता प्रेमसुख पर बल पूर्वक कब्जा साबित करना चाहता है जिसकी छाया प्रति संलग्न कर कलेक्टर को शिकायत पत्र के साथ दिया गया।
CRIME NEWS : शिकायत करने पहुंचे ग्रामीणों ने कलेक्टर को बताया कि 55-56 साल से लिनेश्वर पिता प्रेमसुख कब्जाधारी और मालिकाना हक से कृषि कार्य कर रहा है। जिसे बेदखल करने की साजिश पटवारी ने रची है। जिस जमीन पर लिनेश्वर के दादा जी परसराम वर्मा खेतीबाड़ी करते आ रहे है। पुरानी स्थिति में जमीन 214/12 में संलग्न दिखा रहा था। अत: मैं उस पुराने नक्शे की छाया प्रति संलग्न कर रहा हूं। इस मामले में संबंधित ग्रामवासी और सरपंच भी जानते हैं कि उक्त जमीन पर वर्षों से किसका कब्जा रहा है और अब कौन हेराफेरी कर शासकीय अभिलेख में हस्तक्षेप कर रहा है। आप स्वयं ग्रामवासी से सत्यता जान सकते हैं। जो उक्त खेती करने के हम गांववासी गवाह है।
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आरआई व्दारा सीमांकन कराए जाने के पर मौके पर आरआई द्वारा गांव के किसानों से इस संबंध में पूछताछ करने पर ग्रामवासियों ने उक्त जमीन के दोनों टुकड़ों को 55-56 सालों से लिनेश्वर वर्मा पिता प्रेमसुख वर्मा, पितामह (दादा) परसराम वर्मा इस जमीन पर कब्जेदार है, लेकिन आरआई द्वारा पंचनामा में इस जमीन पर पुराने कब्जे के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया और न ही दूसरे टुकड़े का नजरी नक्शा नहीं बनाया गया।
CRIME NEWS : कलेक्टर ने आवेदक को न्याय पूर्ण कार्रवाई करने के साथ लिनेश्नर पिता प्रेमसुख, (पितामह)दादा परसराम वर्मा ख.न. 214/2 तथा दूसरे टुकड़े में भूमि का नक्शा एवं रकबा में त्रुटिसुधार कर वापस उसके खाते में इंद्राज किया जाएगा तब जाकर ग्रामीण माने।