Save Hasdeo : केते एक्सटेंसन कोल ब्लॉक की जनसुनवाई प्रभावित करने गांव के सरपंचों ने किया विरोध, निरस्त करने सौंपा ज्ञापन

रायपुर। Save Hasdeo : राजस्थान राज्य विधुत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित केते एक्सटेंसन कोल ब्लॉक जिसका MDO अनुबंध अदानी कम्पनी के पास है. उसकी पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए 2 अगस्त को जनसुनवाई नियत है। इस जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग पर प्रभावित गांव बासेन, साल्ही, घाट्बर्रा, पेंड्ररखी, चकेरी और बकोईं के सरपंचों ने क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण संरक्षण मंडल, सरगुजा को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है जनसुनवाई के लिए बनाई गई पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन रिपोर्ट के अध्यनन 3 वर्ष पुराने है और गंभीर रूप से तथ्य छुपाये गए हैं ’ रिपोर्ट में कहीं भी हाथियों की उपस्थिति और लेमरू हाथी रिजर्व की बात नही है जबकि परियोजना क्षेत्र के 10 किलोमीटर की परिधि में लेमरू हाथी रिजर्व अधिसूचित हुआ है।
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Save Hasdeo : परियोजना क्षेत्र पांचवी अनुसूची के अंतर्गत है। भूमि अधिग्रहण और वन भूमि के डाईवर्सन के लिए ग्रामसभाओं की कोई विधिवत स्वीकृति नही ली गई है। खनन होने से 4400 एकड़ घना वन क्षेत्र बर्बाद होगा और न्यूनतम 6 लाख पेड़ कटेंगे ’ जंगल – जमीन यहां के निवासियों की मुख्य आजिविका और जीवन का आधार है।
हसदेव अरण्य बचाओ समिति के संयोजक उमेश्वर सिंह अर्मो और रामलाल करियाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा हसदेव अरण्य के पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय महत्त्व, बांगो बांध का जलागम क्षेत्र, समृद्ध जैव विविधता और वन्य जीवों के महत्वपूर्ण रहवास के मद्देनजर 26 जुलाई, 2022 को हसदेव अरण्य में प्रस्तावित सभी कोल ब्लॉक निरस्त किये जाने के लिए अशासकीय संकल्प सर्वसम्मति से पारित किया गया थो इस प्रस्ताव का सम्मान होना चाहिए और केंते एक्सटेंशन जो कि एक नई परियोजना है और इसमें 99 प्रतिशत खनन पट्टा क्षेत्र वनों से आच्छादित है, ऐसे संवेदनशील क्षेत्र को खनन के लिए बिलकुल नहीं खोला जाना चाहिए।
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Save Hasdeo : भारतीय वन्यजीव संस्थान की रिपोर्ट और अनुशंसा के अनुसार हसदेव में किसी भी खनन परियोजना को बढ़ावा देना इस क्षेत्र के पर्यावरण और पारिस्थितिकी पर अपरिवर्तनीय प्रभाव डालेगा। खनन से हाथियों के कॉरिडोर और हैबिटैट पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे है और इस से मानव हाथी द्वन्द की स्थिति बेकाबू हो जाएगी और सरकार इसे संभाल नहीं पाएगी। इतनी गंभीर पर्यावरणीय चेतावनियों को अनसुना करके हसदेव अरण्य में किसी भी नई परियोजना को आगे बढ़ाना एक आत्मघाती कदम होगा।
Save Hasdeo : छत्तीसगढ़ शासन, खनिज साधन विभाग ने भी दिनांक 19 जनवरी, 2021 को कोयला मंत्रालय के सचिव को पत्र जारी कर प्रस्तावित केंते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक हेतु कोयला धारक क्षेत्र (अर्जन और विकास) अधिनियम, 1957 के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति एवं प्रभावित ग्रामीण नियम विरुद्ध लोक सुनवाई के आयोजन को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग करते हैं।