Save Hasdev : दोस्त अडानी को लाभ पहुंचाने उजाड़ा जा रहा सेंट्रल इंडिया का फेफड़ा, 841 हेक्टेयर में फैले परसा के जंगलों में भी कटाई शुरु
रायपुर। Save Hasdev : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आम जनता से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने की अपील करने को कांग्रेस पार्टी राजनीतिक पाखंड बता रही है. हसदेव अरण्य का जंगल, जिसे सेंट्रल इंडिया का फेफड़ा कहा जाता है, उसे केंद्र की मोदी सरकार ने केवल अपने दोस्त अडानी के मुनाफे के लिए, कोल खनन के लिए कटवाया है।
6 महीने से भाजपा की डबल इंजन की सरकार हसदेव अरण्य के 137 हेक्टेयर के लाखों पेड़ निर्दयता पूर्वक काट दिए गये.। वही 841 हेक्टेयर में फैले परसा के जंगलों में फिर से कटाई शुरु हो गई है। नो-गो एरिया को संकुचित कर दोस्त अडानी को मुनाफा पहुंचाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. यहाँ कमर्शियल माइनिंग की अनुमति नहीं मिलने के बाद भी पेड़ काटे जा रहे हैं. अडानी को लाभ पहुंचाने लाखो पेड़ो की बलि चढ़ाई जा रही है.
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Save Hasdev : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने बीजेपी और अडानी पर हमला बोलते हुये सवाल पूछा है एक पेड़ लगाने की अपील करने बताएं ये राजनैतिक पाखंड है या नौटंकी? कोल माइनिंग विशुद्व रूप से केंद्र सरकार के दायरे में आता है. आवेदन की प्रक्रिया से लेकर अंतिम कार्य निष्पादन केंद्र सरकार का हस्तक्षेप रहता है. केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद से पहली बार देश में कमर्शियल मीनिंग शुरू किया गया।
आखिर इसकी जरुरत क्यों आन पड़ी है. समझ से परे है. इस क्षेत्रों में खनन कार्य दबाव पूर्वक दोस्त अडानी दिलवाया गया है. हसदेव अरण्य के इन क्षेत्रों को और तमोर पिंगला के क्षेत्र को अति महत्वपूर्ण जैव विविधता से संपन्न क्षेत्र पाया गया है. जिसके चलते खनन पूर्णरूप से रोक लगाई गई थी.
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Save Hasdev : पूर्व के UPA सरकार ने हसदेव अरण्य और तमोर पिंगला क्षेत्र को नो-गो एरिया घोषित कर दिया था. जिसके तहत प्रतिबंधित क्षेत्र से 10 किलोमीटर की दूरी तक खनन प्रतिबंधित था. केंद्र में मोदी की सरकार बनने के बाद से माइनिंग की अनुमति दे दी गई. ताकि अडानी को लाभ पहुंचाया जा सके.
Save Hasdev : उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों को संशोधन करके आदिवासियों के अधिकारों को सीमित कर दिया है. जल, जंगल, जमीन पर स्थानीय आबादी को अधिकार से वंचित करने का काम किया है। कोल बैरिंग एक्ट में संशोधन करके, ग्राम सभा के अधिकारों को संकुचित किया है। पेसा कानून में ग्राम सभा को दिए गए अधिकार छीने गये। भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की मोदी सरकार केवल अपने चंद पूंजीपति मित्रों के मुनाफे के लिए काम कर रही है। वन और पर्यावरण भी मोदी की मित्रता की भेट चढ़ा दिया गया है।