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Shiv Mahapuran Katha : धन-संपदा खत्म हो सकती है परन्तु पुण्यरूपी पूंजी कभी खत्म नहीं होती, आज खंडेलवाल परिवार ने कमाई…

रायपुरShiv Mahapuran Katha : हटकेश्वर महादेव की पुण्य धरा अमलेश्वर ने शिव महापुराण कराकर कई कीर्तिमान रच दिये हैं। जिसका समापन आज सुबह 11 बजे हो गई। अन्य दिनों की तुलना में आज भक्तों की संख्या अत्यधिक थी। जिसके चलते कार्यकतार्ओं को व्यवस्था में काफी दिक्कतें हुई। वहीं आयोजकों ने इस आयोजन को कराकर अपने पूर्वजों को धन्य कर दिया है।

अंतरराष्ट्रीय कथावाचक प्रदीप मिश्रा आज कथा समापन के बाद 3.20 की नियमित विमान से सिहोर के लिए अपनी टीम के साथ रवाना हो गये। इस दौरान राजधानी रायपुर के एयरपोर्ट में आयोजक पवन खंडेलवाल, विशाल खंडेलवाल, मोनू साहू व परिजन उपस्थित थे। जो पंडित प्रदीप मिश्रा को विदा करते हुये भावुक हो गये। साथ ही विशाल खंडेलवाल ने पंडित प्रदीप से छत्तीसगढ़वासियों के लिए सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।

Shiv Mahapuran Katha : कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण के प्रसंग का जिक्र करते हुये कहा-भगवान भोलेनाथ आपकी सहजता को आसानी से स्वीकार करते हैं। भगवान को प्रसन्न करने के लिये आपको घंटो मंदिर में बैठने, घंटो आराधना करने या कैलाश पर्वत पर डेरा डालने की जरुरत नहीं है। क्षण भर भी अगर आपने शिव को याद कर लिया। तो शिव किसी न किसी रूप में आपकी मदद को दौड़े चले आते हैं।

Shiv Mahapuran Katha
Shiv Mahapuran Katha

उन्होंने कहा कि शिव महापुराण की कथा कहती है। बच्चों के लिये जितना धन-सम्पदा अर्जित करना है। करो इसमें कोई मनाही नहीं है। लेकिन जब इस दुनिया से जाओ। तो कुछ पुण्य छोड़ कर अवश्य जाये। क्योंकि धन-सम्पदा तो खत्म हो सकता है। लेकिन पुण्य रूपी पूंजी खत्म नहीं होती। उन्होंने कहा कि आज हटकेश्वर महादेव की पुण्य धरा अमलेश्वर में शिव महापुराण हो रही है। पवन खंडेलवाल, विशाल खंडेलवाल, मोनू साहू को मान लेना चाहिये. ये कथा वे नहीं भगवान शिव के आशीर्वाद और पूर्वजों के पुण्य से हो रहा है।

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Shiv Mahapuran Katha : पानी गर्म तवे पर पड़ती है। तो समाप्त हो जाती है। और फूल पर पड़ती है तो चमकने लगती है। वैसा ही प्रशंसा करने वाले व्यक्ति की दोस्ती नुकसान दायक है। बच्चों को पहली प्रेरणा पिता से मिलती है। इसलिए आप स्वयं अच्छा काम करते रहिये। अगर आप शराब, मदिरा का सेवन करते हैं। तो बच्चे पर उसका असर पड़ेगा ही। उन्होंने कहा आज कथा श्रवण कर घर जायें। तो शराब, तंबाखू छोड़ने का संकल्प लेकर जायें। 21 दिन तक मदिरा छोड़कर देखो तुम्हारी जिंदगी सुधर जाएगी।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देने दिलाने का आह्वान किया है। साथ ही सीबीएसई के साथ अन्य पाठ्यक्रमों में एक अध्याय जोड़ने की अपील की। गौमाता वह है जो मंथन के समय निकली है।

Shiv Mahapuran Katha : पंडित प्रदीप मिश्रा ने भगवान शंकर को चढ़ाया गया बेलपत्र खाने के उपाय बताते हुए कहा- इन दोनों के बारे में जानना है। तो सबसे पहले अपने ऊपर इसका प्रयोग करके देखें। जब हम शिव के मंदिर जाते हैं और अपने बच्चों को बेलपत्र देते हैं, उसमें अगर शहद लगाकर भगवान शिव को समर्पित करने को बोलते हैं। तो बच्चे की पढ़ाई अपने आप सुधर जाएगी और उसका मन पढ़ाई में लगने लगेगा। इतना ही नहीं बच्चे को अपने आप एक न एक दिन मंजिल मिल जाएगी।

कथा के सातवें व आखरी दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी कौशल्य देवी साय व डिप्टी सिएम विजय शर्मा कथा सुनने पहुंचे थे। मुख्य अतिथियों ने पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रदेश की खुशहाली व संपन्नता का आशीर्वाद मांगा।

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पंडित प्रदीप मिश्रा ने लोगों के द्वारा दिये जा रहे दान का लेखा-जोखा रखते हुये कहा- विठलेश सेवा समिति आप लोगों द्वारा दिये गये दान का एक-एक पैसा पुण्य के कार्य में लगाता है। गौ सेवा, निशुल्क शिक्षा व वृद्धाश्रम सहित कई पुण्य के कार्य किये जाते हैं। कही आप लोगों को के मन में सवाल उठे तो आकर देख सकते हैं।

Shiv Mahapuran Katha : उन्होंने कहा कि भोलेनाथ को जल चढ़ाने वाला कोई देरी में तो कोई जल्दी। लेकिन सेठ अवश्य बनता है। हो सकता है आपकी बारी आने में कुछ समय शेष बचा हो। इंतजार करिये। सेठ अवश्य बनेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि शरीर, आत्मा और मन के द्वारा बहुत अच्छा कार्य हो रहा है तो समझ लें। प्रेरणा देने वाला कोई और नहीं बल्कि भोले भंडारी हैं।

श्रेष्ठ करने की प्रेरणा कोई दूसरा नहीं देगा

श्रेष्ठ करने की प्रेरणा कोई दूसरा नहीं देगा। लेकिन घर की स्त्री जरुर देती है। क्योंकि वह पत्नी नहीं है धर्मपत्नी है। पत्नी अपने पति को धर्म के रास्ते पर ले जाती है। और धर्मपत्नी पति को धर्म के पथ पर चलने का रास्ता दिखाती है। पति के मुख से एक न एक बार जरुर झूठ निकलता है। लेकिन पत्नी उस झूठ के सहारे निकले पाप को टालने का प्रयास करती है। इसलिए आप सभी अपने पतियों को यह प्रेरणा दें कि वह झूठ जरुर बोलें लेकिन एक रुपये निकाल कर किसी जरुरतमंद को दान अवश्य दें।

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इससे उसका सत्कर्म हो जाएगा। इसलिए गरुड़ पुराण में कहा गया है। जब किसी व्यक्ति का प्राण छूटता है। तो वह यमराज से कहता है कि मैंने अपने पति, बच्चों, परिवार के लिए यह धन कमाया था मुझ अकेले इस नरक पर क्यों पटक रहे हो, पत्नी, बच्चों और परिवारों को भी नरक पर पटको क्योंकि इन्होंने भी तो हिस्सा खाया है। इस पर धर्मराज कहते हैं झूठ तुमने बोला, कपट तुमने किया। उन्होंने कभी यह नहीं कहा इसलिए भोगोगे तुम ही।

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