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Shiv Mahapuran Katha : खंडेलवाल परिवार की मेहनत ला रही रंग, 47 डिग्री गर्मी भी नहीं रोक पा रही शिवभक्तों को

रायपुरShiv Mahapuran Katha : फलाहार का त्याग कर उपवास करना ही उपवास नहीं कहलाता है बल्कि निंदा करने से रोकना व निंदा न सुनना भी उपवास है। अमीर और गरीब सबको रोते देखा, केवल महाकाल का भक्त हमेशा मश्त रहता है। शंकर के भरोसे रहने वाले को कष्ट कभी छू नहीं सकता। समर्पण उसे कहते हैं जो अपना सब कुछ भगवान शिव को समर्पण कर दे। जब तक भगवान शिव झोली न भर दें तब तक दरवाजा छोड़ना मत, भोले एक न एक दिन आपको जरुर देंगे। जिद तुम किसी और से नहीं शिव से कर रहे हो। आधे से ज्यादा दुखों को स्त्रियां सहती हैं। अमलेश्वर में चल रहे शिवमहापुराण के दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने समर्पण पर श्रद्धालुओं को ये बातें कही। आयोजक पवन खंडेलवाल, विशाल खंडेलवाल, मोनू साहू के साथ परिजनों ने प्रदीप मिश्रा का कथा स्थल पर स्वागत किया। इस दौरान बस्तर महाराज कमल चंद्र भंजदेव, छत्तीसगढ़ केशकला बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष मोना सेन उपस्थित थी।

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श्री मिश्रा ने श्रद्धालुओं को बताया कि अशोक सुंदरी भगवान शिव की पुत्री हैं और शिवलिंग पर बने उनके स्थान पर तीन उंगली का स्पर्श कर अपनी बातों को रखेंगे तो वह बात माता पार्वती और भगवान शिव के पास पहुंच जाती है और हमारी समस्यों का हल हो जाता है। विषम परिस्थतियों में हम भगवान शिव, अशोक सुंदरी, बेलपत्र चढ़ाने के साथ ही अपनी दुख और पीड़ा को नारियों के सामने 5 मिनट बैठक बात करने से वह समस्या अपने आप टल जाती है। घर में रहने वाली नारी सबसे अधिक दुख सहन करती है। 16 सोमवार का व्रत, तीज, चतुर्थ, पंचमी, सोमवार-मंगलवार का व्रत रखती हैं इसलिए नहीं कि वह अपना दुख दूर कर सकें, इसलिए रखती हैं कि उसका परिवार हमेशा खुश रहे, पति की लंबी उम्र हो और परिवार में कभी संकट ना आए। यहां कथा सुनने आई हजारों महिलाए अपने लिए नहीं परिवार के उत्थान के लिए आई है। उन्होंने कहा कि समर्पण उसे कहते हैं जो अपना सब कुछ समर्पण कर दें और यहां कथा श्रवण करने आई महिलाएं पूरी समर्पण के साथ यहां आई है। कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जिद तुम दूसरों से नहीं बल्कि अपने भोलेनाथ से कर रहे हो। जब तक भगवान शिव झोली न भर दें तब तक दरवाजा छोड़ना मत, भोलेनाथ एक न एक दिन आपको जरुर देंगे।

Shiv Mahapuran Katha : उन्होंने कहा कि निवेदन हमेशा दिल से करना चाहिए, अगर आपका हृदय और मन साफ है तो पशुपति नाथ का व्रत तुमने जो किया है उसका फल जरुर तुम्हें मिलेगा। शिवमहापुराण की कथा कहती है दिल में अगर पाप है, हदय में निंदा भरी है तो उस व्यक्ति के मुख से कितना भी तुम प्रवचन व कीर्तन करा लो उस कथा का असर तुम पर होगा ही नहीं। कथा सुनने के लिए जाओ तो उस दौरान व्यासपीठ से कोई निंदा कर रहा हो तो उसे हाथ जोड़कर और खड़े होकर वहां से चले जाने के लिए कहो क्योंकि हम कथा सुनने आए हैं आपका निंदा नहीं।

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हम यहां भगवान की कथा सुनने आए हैं और अपने विश्वास को और मजबूत करने के लिए यहां आए हुए है। न हमें निंदा करना है न सुनना है। फलाहार त्याग कर उपवास करना ही उपवास नहीं होता हैं बल्कि निंदा करने वाले को रोकना और खुद भी किसी की निंदा नहीं करना भी उपवास होता है। उत्तरप्रदेश में स्थित कर्मनाशा नदी का पानी आपके ऊपर लग जाता है तो 71 वर्षों पुण्य खत्म हो जाता है।

छत्तीसगढ़ वालों ने क्या जादू कर दिया है
Shiv Mahapuran Katha : कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा ने बताया कि यहां 2 जून तक कथा होनी हैं और 6 जून से सोलहापुर में कथा होनी और बिलासपुर में पंडाल पूरी तरह बनकर तैयार हो गया था और ऐन मौके पर कैंसल हो गया। लेकिन न जाने छत्तीसगढ़ वालों ने मेरे भोले बाबा पर क्या भाँग और क्या जल चढ़ाया है कि बार-बार यहां कथा करने का मौका मिल रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही कुरुद में कथा हुई और अभी हठकेश्वर महादेव घाट के अमलेश्वर में कथा हो रही हैं और 18 जून से फिर यहां कथा होने वाली है। जय जोहार, जय छत्तीसगढ़।

Shiv Mahapuran Katha

जब ब्राम्हण नहीं जान और पहचान सके तो हम क्या जान सकें शिव को
प्रदीप मिश्रा ने कहा कि पूरे संसार के लोग आज तक भगवान शंकर को जान और पहचान नहीं सकें है। एक बार ब्राम्हण जी ने भी भगवान विष्णु से पूछ लिया कि तुम्हारे पिता कौन है तो उन्होंने कहा कि भगवान शंकर उनके पिता है। तब ब्रम्हा जी ने कहा कि वे कैसे, तुम उन्हीं से पूछ लो, तब ब्रम्हा जी शिवजी के पास गए और उनसे पूछा तो वे उनकी बातों को टाल गए। 23 कोटि देवी देवताओं में सबसे सरल कोई है तो वह भगवान शिव है।

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47 डिग्री तापमान भी नहीं रोक सकें भक्तों को
आयोजक पवन खंडेलवाल, विशाल खंडेलवाल द्वारा आयोजित शिव महापुराण में 46 से 47 डिग्री कि गर्मी भी भक्तों को नहीं रोक पर रही है. सुबह से ही भक्तों का आने का सिलसिला शुरू हो गया था और यहां आने वाले सभी भक्तों को आयोजन समिति की ओर से बेलपत्र के आकार में बने पंखा नूमा चीज को दिया गया ताकि इस भीषण में उन्हें कुछ राहत मिल सकें। इसके अलावा समिति की ओर से जगह-जगह पर जम्बो कुलर लगाया गया है।

ये है समर्पण
Shiv Mahapuran Katha : आज रायपुर की एक महिला का प्रदीप मिश्रा ने परचा पढ़ा जिसमे महिला ने लिखा था पहली बार उन्होंने पशुपति नाथ का व्रत किया उसका फल उसे नहीं मिला उसे लगा कि कोई गलती हो गई होंगी. फिर दोबारा उसने पशुपति नाथ का व्रत करना प्रारम्भ किया और 2023 में वह प्रेग्नेंट हो गई और वह आज एक छोटे से बच्चे को लेकर वह कथा श्रवण करने पहुंची हुई है। इस दौरान पंडित जी ने कहा जब तक आपकी झोली नहीं भर जाती है तब तक बाबा पर भरोसा नहीं छोड?ा, वो अवश्य ही देगा। एक घटना का जिक्र करते हुए महाराज श्री ने कहा कि टीवी के साथ बैठकर मात्र 5 दिन की कथा सुनी और भगवान भोले नाथ ने उनकी विनती सुन ली और उसका लड़का आज इंडियन आर्मी में नौकरी कर रहा है। यह घटना महासमुंद का है। इस दौरान प्रदीप मिश्रा ने मेरे काशी वाले बाबा गाना गया तो पंडाल में मौजूद सभी लोग झूमने लग गए।

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