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Save Hasdeo : पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम बोले-खदान शुरू करने की कार्रवाई हुई तो प्रदेश के आदिवासी नहीं बैठेंगे चुप, हसदेव में नया खदान विनाशकारी

रायपुरSave Hasdeo : प्रदेश में अडानी ग्रुप की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक अडानी ग्रुप विवादों से घिरता ही जा रहा है। अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने अडानी ग्रुप को आडे हाथों लिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि अगर हसदेव में नये खदान शुरू करने की कार्रवाई हुई तो प्रदेश के आदिवासी चुप नहीं बैठेंगे। हसदेव के नया खदान सरकार और अडानी ग्रुप के लिए जी का जंजाल बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि आदिवासियों के अधिकारों को दरकिनार कर खनन कंपनियों के इशारे पर सरकारें काम कर रही है। जो हरगिज बर्दास्त नहीं किये जाएंगे। पिछले 10 वर्षों से हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए आन्दोलनरत हैं बावजूद आजतक उन्हें न्याय नहीं मिला है। सरकार की आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी में फंसी है सब कुछ जानते हैं।

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Save Hasdeo : उन्होंने कहा एक तरफ विधानसभा में प्रस्ताव होता है कि हसदेव के कोल ब्लॉक निरस्त किये जायें। और दूसरी ओर जंगल कटाई के आदेश जारी हो रहे हैं। अध्ययन में ये कहे गये हैं कि हसदेव में खनन से साल के प्राकृतिक जंगल, जैव विविधता का विनाश होगा। हसदेव नदी और बांगो बांध का अस्तित्व संकट में आ जाएगा। फिर भी कोयला निकालने की ये कौन सी जिद है।

उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन सब तबाह करके कौन सा विकास करना चाहते हैं? जलवायु परिवर्तन का संकट भयानक रूप से दुनिया के सामने है। जिसके चलते धरती पर जीवन संकट में आते जा रहा है। इस स्थिति से बचने के लिए हमारे सामने एक ही रास्ता है- प्रकृति के साथ सामंजस्य का। हसदेव साल का प्राकृतिक जंगल है, जिसे कभी भी प्लांटेशन के माध्यम से तैयार नहीं किया जा सकता है।

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ये जंगल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे मध्यभारत का फेफड़ा है। जो हमें आॅक्सीजन देता है। यही जंगल देश के मानसून के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिनके विनाश से देश में गंभीर संकट पैदा हो सकता है।

Save Hasdeo : ये संवैधानिक व्यवस्था है कि पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण ग्रामसभा की सहमति के बिना नहीं हो सकता। यही बात भारत सरकार ने यूनाइटेड नेशन में भी कही है। फिर भी परसा कोल ब्लॉक में साल्ही, हरिहरपुर, फतेहपुर की जमीन बिना ग्रामसभा के सहमति के कैसे अधिग्रहित की गई।

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